09 October 06 - 10:06कुछ रिश्ते
लबों की मुस्कान बन जाते हैं कुछ रिश्ते।
वक्त के साथ बहुत याद आते हैं कुछ रिश्ते॥
तन्हाईयों में भी साथ निभाते हैं कुछ रिश्ते।
सर्दियों में धूप की गर्माहट का एहसास लाते हैं कुछ रिश्ते॥
गर्म दोपहरों में ठंडी हवा के झोंके बन जाते है कुछ रिश्ते ।
होठों पे नग्मों की सरगम छेड जाते हैं कुछ रिश्ते॥
बारिश की बूँदों की तरह सराबोर कर जाते हैं कुछ रिश्ते ।
खुशकिस्मत होते हैं वो जो पाते हैं ऐसे कुछ रिश्ते ॥
हमारी तुम्हारी दोस्ती के भी हैं ऎसे कुछ रिश्ते ।
याद रख्नना ऎ दोस्त, हमारे तुम्हारे ये कुछ रिश्ते ॥
You will need to enable javascript to generate a trackback link